टीम हिन्दी
अपने कामों के कारण हमेशा चर्चा में रहने वाली मीरा नायर एक बार फिर चर्चा में है. नया मामला विक्रम सेठ के चर्चित उपन्यास ‘‘अ सूटेबल ब्वॉय’’ पर आधारित मीरा नायर की सीरीज को लेकर है। इसमें अभिनेत्री रसिका दुग्गल का नाम भी जुड़ गया है. इस सीरीज में तब्बू और इशान भी हैं. रसिका इस सीरीज के महत्वपूर्ण किरदार सविता की भूमिका निभाएंगी. सेठ के इस उपन्यास पर बीबीसी भी छह एपिसोड की श्रृंखला बना चुका है. अभिनेत्री छह अक्टूबर से लखनऊ में शूटिंग शुरू करेंगी और यह एक महीने तक चलेगी.
बता दें कि मीरा नायर एक भारतीय फिल्म निर्देशक हैं, जोकि हिंदी सिनेमा में मुख्य तौर से सक्रिय हैं. ‘सलाम बॉम्बे’ और ‘मॉनसून वेडिंग’ जैसी फिल्में बनाने वालीं मीरा नायर दुनियाभर में अपनी कहानियों के लिए मशूहर हैं. 15 अक्टूबर 1957 को जन्मीं मीरा नायर 60 वर्ष की हो गई हैं. वे ओडिशा के राउरकेला में जन्मी हैं. वे स्थायी रूप से न्यूयॉर्क में रहती हैं. मीरा ने सबसे पहले अपनी पहचान फिल्म सलाम बॉम्बे से बनाई थी. ये भारत की ओर से ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भेजी गई दूसरी फिल्म थी. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे 1000 बेस्ट फिल्मों में शामिल किया था.
‘सलाम बॉम्बे’ और ‘मॉनसून वेडिंग’ जैसी फिल्में बनाने वालीं मीरा नायर दुनियाभर में अपनी कहानियों के लिए मशूहर हैं. 15 अक्टूबर 1957 को जन्मीं मीरा नायर 60 वर्ष की हो गई हैं. वे ओडिशा के राउरकेला में जन्मी हैं. वे स्थायी रूप से न्यूयॉर्क में रहती हैं. मीरा ने सबसे पहले अपनी पहचान फिल्म सलाम बॉम्बे से बनाई थी. ये भारत की ओर से ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भेजी गई दूसरी फिल्म थी. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे 1000 बेस्ट फिल्मों में शामिल किया था.
अपनी फिल्मों के जरिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाली फिल्मकार मीरा नायर को अपने देश में उतना प्यार नहीं मिल पाया, जिसकी वह हक़दार थीं. इनका जन्म भारत के भुवनेश्वर (उड़ीसा) में हुआ. शुरुआती शिक्षा शिमला और स्नातक इन्होनें डीयू के मिरांडा हाउस से किया. आगे की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका चली गईं. मीरा जी ने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत शार्ट फिल्म और डाक्यूमेंट्री से हुआ. सलाम बॉम्बे (1988) ने इनको बॉलीवुड में एक पहचान दिलाई. इनकी पहली ही फिल्म के लिए इन्हें कई पुरस्कार मिले. सलाम बॉम्बे को कांस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डेन कैमरा अवार्ड मिला. भारत में सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीतने का गौरव मीरा नायर की इस फिल्म को मिला. सलाम बॉम्बे (1988) मिसीसिपी मसाला (1991), दि पेरेज़ फेमिली (1995), कामसूत्र: ए टेल ऑफ लव (1996), मॉनसून वैडिंग (2001), वेनिटी फेयर (2004), दि नेमसेक (2006) और एमेलिया (2009). 2012 में आई ‘द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट’को भी देश-विदेश में खूब सराहा गया है. मीरा नायर जैसी महिला फिल्म निर्देशकों ने अपने दम पर, पूरे बॉलीवुड पुरूष निर्देशकों को सबसे ज्यादा टक्कर दी है.
‘सलाम बॉम्बे’ और ‘मॉनसून वेडिंग’ जैसी फिल्में बनाने वालीं मीरा नायर दुनियाभर में अपनी कहानियों के लिए मशूहर हैं. 15 अक्टूबर 1957 को जन्मीं मीरा नायर 60 वर्ष की हो गई हैं. वे ओडिशा के राउरकेला में जन्मी हैं. वे स्थायी रूप से न्यूयॉर्क में रहती हैं. मीरा ने सबसे पहले अपनी पहचान फिल्म सलाम बॉम्बे से बनाई थी. ये भारत की ओर से ऑस्कर के लिए बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में भेजी गई दूसरी फिल्म थी. न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे 1000 बेस्ट फिल्मों में शामिल किया था.
Leak se hatkar kaam karne wali filmkaar hai Mira Nair