Home Home-Banner स्वर कोकिला लता जी की कुछ खट्टी-मीठी यादें..

स्वर कोकिला लता जी की कुछ खट्टी-मीठी यादें..

3762

lata ji

Happy Birthday Lata Ji: भारत रत्न से सम्मानित, स्वर-कोकिला, नायाब सुरों की रानी, मशहूर दिग्गज गायिका लता मंगेशकर, जिन्हें हम प्यार से लता दीदी भी कहते हैं का आज जन्म दिन है। लता दीदी का देहावसान 6 फरवरी 2022 को कोरोना के कारण हो गाय था । दुनिया में कोरोना से मची तबाही ने हम से हमारी लता दीदी को भी छीन लिया। दुनिया को अपने गाने ‘मेरी आवाज ही पहचान है,गर याद रहे……’ जैसे गानो से झूमाने वाली, लता दीदी के बारे में किसने नहीं सुना होगा। आइए आपको लता दीदी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक कहानियों को बताते हैं-

लता दीदी बताती थीं कि उन्हें बचपन में एक सपना बार-बार आता है कि वह एक मंदिर के पहुंचती हैं और देखती हैं कि मंदिर के पीछे भी एक दरवाजा है। और वह जब दरवाजे को खोलकर अंदर जाती हैं तो वहां नीचे काले पत्तथर की सीढ़ियां है। जिसके तरफ जाने पर रंग बिरंगा पानी दीदी के पैरों को छूने लगता है। लता दीदी ने जब अपने माँ को इसके बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि लता तुझे भगवान का आर्शीवाद है तू एक दिन बहुत मशहूर होगी।

आपको पता है लता दीदी ने कई भारतीय भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। लता दीदी ने सिर्फ 13 साल की उम्र में ही गाना गाना शुरू कर दिया था। पहली बार वसंग जोगलकर की फिल्म कीर्ती हसाल के लिए लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी। पिता की असामयिक मृत्यु और पैसो की तंगी ने लता दीदी को फिल्मों के लिए गानों को मजबूर किया। लता दीदी ने अपने गानों की शुरूआत हिन्दी और मराठी फिल्मों से की। लता मंगेसकर की पहली फिल्म पाहिली मंगलौर साल 1942 में रिलीज हुई थी।

lata ji

लोग बताते हैं कि लता दीदी को किसी से प्यार था लेकिन लता दीदी को उनका प्यार नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से उन्होंने पूरी जिंदगी शादी ना करने का फैसला किया। जी हां खबरों की माने तो लता मंगेसकर डूंगरपुर राजघराने के महाराज राज सिंह को अपना दिल दे बैठी थी। लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह अच्छे दोस्त थे। लेकिन राज सिंह के माता पिता ने साधारण परिवार की बहू को स्वीकार करने से मना कर दिया था। जिसके बाद राज सिंह ने भी पूरी जिंदगी शादी नहीं की। राज लता को प्यार से मिट्ठू कह कर बुलाया करते थे। उनकी जेब में हमेशा एक टेप रिकॉर्डर रहता था जिसमें लता जी के चुनिंदा गाने होते थे।

लता मंगेशकर को शुरूआत के दिनों में काफी संघर्ष करना पड़ा था। उनकी महीन आवाज के कारण प्रोड्यूसर और संगीत निर्देशक मना कर दिया करते थे। लेकिन बाद में इसी महीन आवाज के दम पर लता जी का सितारा गाने की दुनिया में ऐसा चमका कि यह एक मिसाल बन गया। महल में उनके गाये गाने ‘आएगा आने वाला आएगा’ के धूम ने तो इंडस्ट्री में उनकी एक छाप बना दी। बरसात,दुलारी,महल,अंदाज जैसे फिल्मों में भी लता जी ने अपनी आवाज दी है। लता जी ने ‘ओपी नैय्यर’ जी को छोड़कर हर बड़े संगीतकार के साथ काम किया है। ‘मदनमोहन’ की गजलें और ‘सी रामचंद्र’ के भजन में लता की आवाज ने क्या चार-चांद लगाए हैं।

1974 में लता मंगेशकर का नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में सबसे अधिक गाने गाने वाली गायिका के रूप में दर्ज है। 28 सितंबर  1929 को इंदौर में जन्मीं लता जी को 1989 में ‘दाद साहब फाल्के अवार्ड’ से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2001 में लता मंगेशकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत’ रत्न’ से सम्मानित किया गाय है। फ्रांस की सरकार ने 2007 में लता जी को ‘ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से भी सम्मानित किया था।

और पढ़ें-

गुड़ है अच्छे स्वास्थ्य का खजाना…

भारत में पान के एक नहीं, है हजारों रंग…

विश्व की सबसे पुराने विश्वविधालय की सैर…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here