Home Home-Banner अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस मेले का हुआ शुभारंभ

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस मेले का हुआ शुभारंभ

3419

saras mela

Saras Mela 2023: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले का शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने किया। श्री शैलेश कुमार सिंह ने मेले का शुभारंभ करते हुए देश भर से आयी हुई स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) दीदियों को इस मेले को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज इन दीदियों की वजह से ही यह सरस आजीविका मेला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना पाया है।

मेले का उद्घाटन करते हुए श्री शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि इस सरस मेलों का उद्देश्य एसएचजी दीदियों का आजीविका संवर्धन करना है। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह पहल किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य 2 करोड़ एसएचजी दीदियों को लखपति बनाना है। इस बाबत मंत्रालय विभिन्न इंटेरवेंसन की मदद से मार्केटिंग आदि में मदद करता है।

समारोह को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री सिंह ने सरस मेलों की पिछले 25 सालों के प्रगति पर भी प्रकाश डाला। श्री सिंह ने कहा कि दीदियों की मेहनत के कारण उन्हें यह सफलता मिली है। दीदियां अब देश के बाद विदेशों में भी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं। आपको बताएं कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, दीनदयाल अन्तयोदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तहत इसे लागू करता है। इस पहल में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) मंत्रालय को अपना सहयोग देता है। सरस मेलों की सहायता से ग्रामीण महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में अपना उत्पाद बेचती हैं।

आपको बताते चलें कि पिछले 25 सालों से ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय विकास एवं पंचायती राज संस्थान सरस मेलों का आयोजन कर रहा है। इस सरस मेलों से लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन मुहैया कराये गए हैं। मेलों की मदद से ग्रामीण महिलाएं मार्केटिंग का गुण सीख रही हैं। इस साल सरस मेले में करीब 165 स्टाल लगाए गए हैं। देश के 28 अलग-अलग राज्यों से विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की 300 से ज्यादा महिलाएं इसमें भाग लेने आई हैं। इस बार के सरस मेले में स्वयं सहायता समूह के दीदियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था की गई है।

और पढ़ें-

घृतकुमारी, सौंदर्य से लेकर कई और चीजों में है उपयोगी

दक्षिण की गंगा की है अपनी कहानी..

यहां पशु-पक्षी के नाम पर हैं गांवों के नाम

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here