Remains of 2800 yr old human settlement in vadnagar gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव वडनगर में खुदाई के दौरान लगभग 2800 साल पुरानी बस्ती होने के सबूत मिले हैं। गुजरात के वडनगर की यह खुदाई आईआईटी खड़गपुर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, फिजिकल रिसर्च लोबोरेटरी और जवाहर लाल नेहरू विश्वविधालय के नेतृत्व में चल रही थी। इस सर्वेक्षण में डेक्कन कॉलेज के शोधकर्ता भी शामिल थे। खुदाई में लगभग 800 ईसा पूर्व मानव बस्ती के सबूत मिले हैं।
2800 साल पुरानी बस्ती के अवशेषों पर जांच के बारे में प्रोफेसर डॉ अनिंघ सरकार का कहना है कि उनकी पूरी टीम इस पर पिछले चार-पांच साल से काम कर रही है। उनका यह भी कहना है कि खुदाई के समय लगभग 20 मीटर की गहराई में एक बहुत पुराने बौद्ध मठ के बारे में पता चला है। इस खुदाई के दौरान सात सांस्कृतिक परतों के बारे में जानकारी मिल रही है। आर्कियोलॉजिकल सुपरवाइजर मुकेश जी के अनुसार 2200 वर्षों के इस उथल-पुथल समय में मध्य एशिया से भारत पर सात आक्रमण हुए हैं, जिसकी छाप वडनगर के इन सात सांस्कृतिक परत में दिखती है।
कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार बस्ती के रेडियोकार्बन पद्धति से जांच में पता चलता है कि ये 1400 ईसा पूर्व जितनी पुरानी हो सकती है। जो कि हड़प्पा काल के अंतिम चरण के समकालिन है। एएसआई के एक अधिकारी अभिजीत अंबेकर के अनुसार इन सात सांस्कृतिक चरणों में मौर्य, इंडो-ग्रीक, शक, सोलंकी से लेकर सल्तनत-मुगल और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के साक्ष्य भी मिल रहे हैं। खुदाई में मिट्टी के बर्तन, तांबा, सोना, चांदी और लोहे की वस्तुएं भी प्राप्त हुई है। अभिजीत अंबेकर का मानना है कि गुजरात के वाडनगर में खोजे गए ये अवशेष अबतक के खोदे गए एक ही किले के अंदर सबसे पुराना जीवित शहर बनाते हैं।