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विश्व पुस्तक मेला 2024 में रही नए लेखकों की धमक, अगले साल 1 से 9 जनवरी तक लगेगा विश्व पुस्तक मेला

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विश्व पुस्तक मेला 2024 समाप्त हो चुका है | इस साल के मेले के अंतिम दो दिनों में लोगों की भारी तादाद देखने को मिली | जहां बच्चो के साथ – साथ उनके माता पिता  और बुजुर्ग लोगों भी मेले में आए थे | सभी वर्ग के लोगों का जोश देखने लायक था | आपको बता दें कि अगले साल 2025 का विश्व पुस्तक मेला एक से नौ फरवरी तक लगने की सूचना है।

मेले को सफल बनाने के लिए, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास एनबीटी के अध्यक्ष प्रो मिलिंद ने प्रकाशकों और मीडिया कर्मियों का आभार जताया | मेले के आखिरी दिन तक काफी रौनक रही और साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस मौके पर  इंद्रा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने हिन्दी में सिनेमा के विश्व कोष का प्रकाशन भी किया | मेले के आखरी दो दिन में भी लोगों की बहुत भीड़ दिखने को मिली और दुकानदारों की अच्छी खासी बिक्री भी हुई | पाठकों का भी उत्साह काफी दिखने लायक था। इस साल के विश्व पुस्तक मेले में 15 लाख के करीब पस्तकों की बिक्री हुई |

इस साल धार्मिक पुस्तके भी खूब बिकी जैसे श्रीरामचरितमानस की ही हज़ारो पत्रिका बिक गई | राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ही 93 हज़ार के आसपास प्रतियां बेची गईं| प्राप्त सूचना के अनुसार प्रभास प्रकाशन की बिक्री 35 लाख से अधिक हुई जबकि किताब घर प्रकाशन की बिक्री दस लाख से अधिक रही |

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पुस्तकों के लेखक सिर्फ 18 वर्ष की आयु वर्ग के ही नहीं बल्कि कम आयु वर्ग के लेखक भी थे, जो मेले में अपनी पुस्तक के प्रसार प्रचार कर रहे थे | मेले के प्रवेश द्वार में काफी लम्बी लाइन देखने को मिली, जिसके साथ ही कड़ी सुरक्षा भी देखने को मिली| 4 बजे के बाद प्रवेश द्वार बंद होने पर अंदर से बाहर आ रहे लोगों को ट्रैफिक का सामना करना पड़ा।

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