आर्थिक क्षेत्र हो, रक्षा का क्षेत्र या फिर ऊर्जा का क्षेत्र भारत लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते साल ही भारत जापान को पछाड़ते हुए, विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है। हाल ही में भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है। वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहें शोध संस्थान एंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2015 में सौर ऊर्जा के उपयोग के मामले में नौवें स्थान पर था। वहीं भारत ने पिछले साल कुल बिजली उत्पादन का 5.8 प्रतिशत सौर ऊर्जा प्राप्त किया। आपको बता दें की 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में जो वृद्धि हुई है, वो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वृद्धि है। एंबर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा का योगदान 2015 में 0.5 प्रतिशत था, जो 2023 में बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गया। पिछले कुछ सालों में सौर ऊर्जा के इस्तमाल पर काफी जोर दिया गया है। अब इस रेस में भारत के सामने केवल चीन और अमेरिका ही रह गए हैं। वहीं रिपोर्ट की माने तो 2023 में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की वृद्धि और भी अधिक हो सकती थी। लेकीन चीन और दुनिया के दुसरे हिस्सों में सूखे के बीच जलविद्युत उत्पादन पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की मानें तो, 2030 तक ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन में 22 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है, भारत 2030 तक नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना करने की योजना वाले कुछ देशों में से एक है, एंबर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट ,के मुताबिक इस क्षमता को पूरा करने के लिए भारत को वार्षिक क्षमता वृद्धि उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत दुनिया में सबसे सस्ता सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश है, जबकि सबसे महंगा सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाला देश कनाडा है।