भारतीयता का नया ठिकाना है ‘द हिन्दी’
द हिंदी – बदलाव प्रकृति का मूलभूत सिद्धांत है और अगर बदलाव अच्छे के लिए हो तो प्रकृति भी साथ देती है. हम भारतवर्ष के लोगों का मूल स्वभाव भी यही है कि अच्छे बदलाव को बहुत जल्द आत्मसात कर लेते हैं.
भारत के लोग दुनिया भर में अपनी कर्मठता के लिए जाने जाते हैं. परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हो, साधनों का आभाव कितना भी क्यों न हो,लेकिन हम हमेशा विपरीत परिस्थितियों में ही निखरते हैं.
भारत की सभ्यता और संस्कृति की अगर आज दुनियां में नाम है तो इन्ही कर्मठता और जुझारूपन के लिए. भारतीय इतिहास में अनेकों ऐसे नाम हैं जो विपरीत स्थिति को अपनी दिशा में मोड़कर विजयी हुए हैं.
लेकिन ये बातें अभी क्यों? क्या जरुरत है भारतीय सभ्यता और संस्कृति को कुरेदने की? आज जिस तेज़ी से लोग अपनी जड़ों से दूर होते जा रहें हैं और अपनों के प्रति निर्लिप्त भाव दर्शाते हैं, ऐसे में जरुरत है फिर से बसुधैव कुटुम्बकम को पुनर्जीवित करने की, उन्हें अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में जागरूक करने की.
द हिंदी एक ऐसा ही प्रयास है कुछ कर्मठ युवाओं की जो देश विदेश में रहने वाले अपने भाई-बंधुओं को आपस में जोड़ने की कोशिश तो करेगा ही साथ ही साथ उन्हें एक मंच प्रदान करेगा जहाँ वो अपनी बातों को बिना भय के रख सकें. द हिंदी के माध्यम से लोग भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य के साथ साथ समसामयिक मुद्दों पर गंभीर विचारों को जान सकेंगे.
द हिंदी देश-विदेश में रहने वाले भारतीय लोगों के अनछुए पहलूओं को लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करेगा, साथ ही भारत से बाहर रहने वाले वैसे भारतीयों को भारत में होने वाले हर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी देने की कोशिश करेगा.
The Hindi is not just a language for us. It is neither a region nor an indication towards any specific religions. The Hindi is a movement to educate people about India’s rich cultural heritage. It’s an emotion that needs to be spread. It is about our intricate culture, life style, literature, food habits and our mesmerizing arts. The Hindi will give you facts based information that you will cherish forever.
We all know that so many languages are spoken all over the world, but the charm and ability to connect easily with others remains unparalleled with Hindi language. The Hindi as a responsible web-portal, will highlight the beauty of Indian Sabhyata, Sanskriti and Sahitya in the world. If you have something to say about Indian culture, literature or anything you want to share with us, feel free to contact us.
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