Home Home-Banner अक्टोसाइट कैंसर की देखभाल में लाएगा बड़ा बदलाव, परमाणु ऊर्जा विभाग की...

अक्टोसाइट कैंसर की देखभाल में लाएगा बड़ा बदलाव, परमाणु ऊर्जा विभाग की खोज

3433

AKTOCYTE IN CANCER: कैंसर का इलाज करा रहे रोगियों के लिए एक अच्छी खबर है। रेडियोथेरेपी की मदद से इलाज करा रहे रोगियों को इससे काफी मदद मिलेगी। देश के परमाणु ऊर्जा विभाग(ATOMIC DEPARTMENT) और आईडीआरएस (IDRS) लैब्स बेंगलुरू ने मिलकर एक अक्टोसाइट टैबलेट बनाया है। इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी (RADIOTHERAPY) के दुष्प्रभावों को कम करना है। आपको बता दें कि अक्टोसाइट टैबलेट की मदद से पेल्विक कैंसर के रोगियों के इलाज में सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। अक्टोसोइट टैबलेट की मदद उपचार कराने वाले रोगियों में अभूतपूर्व तरीके से सुधार देखा गया है। इस टैबलेट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काफी सहायक सिद्ध हो रहा है।

प्राप्त सूचना के अनुसार अक्टोसाइट(AKTOCYTE) टैबलेट को भारत सरकार के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एफएसएसएआई की मंजूरी मिल गई है। आपको बता दे कि देश की यह नियामक एजेंसी अक्टोसाइट टैबलेट की सुरक्षित इस्तेमाल पर जोर देती है। अक्टोसाइट टैबलेट को एफएसएसएआई(FSSAI) से मान्याता मिलने से इसके इस्तेमाल को लेकर विश्वसनीयता बढ़ेगी। आपको बता दें इस बाबत एफएसएसएआई कड़े मानक तैयार करती ताकि रोगियों के उपचार को लेकर कोई भी लापरवाही ना बरती जाए।

अक्टोसाइट टैबलेट के इस्तेमाल से पेल्विक कैंसर के रोगियों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। इसके इस्तेमाल से पेल्विक कैंसर के रोगियों में यथासंभव सर्जिकल(SURGICAL) जरूरत ना के बराबर हो जाती है। अक्टोसाइट को रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हुए भी देखा गया है। कैंसर के इलाज में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। एफएसएसएआई के गुणवत्ता मानकों की कसौटी से गुजरने के बाद यह एक प्रभावी उपाय के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इसका इस्तेमाल अभी क्लीनिकल(CLINICAL) स्तर पर यानी कि प्रायोगिक स्तर पर किया जा रहा है। इसे बाजार में साल 2024 से आम लोगों के लिए उपलब्ध होने के आसार है। यह कैंसर के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

और पढ़ें-

रैप की असली कहानी छुपी है हमारे साहित्य की पुस्तकों में

करेंगे ऐसी गलती, तो मनी प्लांट लाभ की जगह देगा नुकसान

ठंड और जयपुरिया रजाई, याद आई की नहीं आई

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here