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हिमाचल के राजनौण गांव का संबंध है महाभारत काल के चक्रव्यूह से, जानें कैसे

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Charkravuh sign in Himachal Pradesh, Rajnaun village: महाभारत काल के चक्रव्यूह के बारे में आप सब जानते ही होंगे पर क्या आपको पता है कि महाभारत काल के चक्रव्यूह का प्रमाण आज भी हिमाचल प्रदेश  के हमीरपुर जिले के राजनौण गांव में देखने  को मिल जाएगा| यहां पत्थरों पर उकेरे गए चक्रव्यूह की रचना द्वापर काल की मानी जाती है। यहाँ के लोगों का कहना है कि इस चक्रव्यूह की रचना पांडवों द्वारा की गई थी। राजनौण में पांडवों से जुड़े चक्रव्यूह के अलावा पानी के लिए नौण, विशाल टियाले और अधूरे मन्दिर का निर्माण किया था| पांडवों द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह को देखने के लिए लोग यहां दूर दूर से आते हैं|

आपको यह नहीं पता होगा कि हिमाचल प्रदेश के हर जिले में आज भी पांडवों से जुड़े सबूत देखने को मिलते हैं| आज से लगभग 6 हज़ार साल पहले जब पांडवों ने अपना अज्ञातवास गुजारा था। तब उन्होंने अपना कुछ समय हिमाचल प्रदेश में भी बिताया था। जिसके प्रमाण आपको वहां बने चक्रव्यूह से मिल जाएंगे| आपको बता दें कि पांडवों द्वारा बनाई गई पानी के लिए नौण, विशाल टियाले और अधूरे मन्दिर जैसे ऐतिहासिक धरोहर विलुप्त होते जा रहे है।  स्थानीय लोगों ने पुरातत्व विभाग से इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की गुहार लगाई है।  पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान अर्जुन द्वारा बनाए गए चक्रव्यूह को पत्थरों की शिलाओं पर उकेरा  था, जो की आज हिमाचल प्रदेश के राजनौण गांव में स्थित है|

पांडवों से कैसे जुड़ा है राजनौण का इतिहास ?

इतिहासकारों का कहना है कि एक चक्रव्यूह कुरुक्षेत्र तथा दूसरा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के राजनौण में स्थित है। वहीं हमीरपुर कॉलेज के इतिहास के सहायक आचार्य राकेश कुमार शर्मा जी का कहना है कि जिस वक्त अर्जुन ने चक्रव्यूह का ज्ञान लिया था, तब उसने यहाँ के पत्थरों में  चक्रव्यूह  को उकेरा था| जिसे आज भी देखा जा सकता है। आपको बता दें कि पांडवों ने यहां अधूरे मंदिर बनाएं थे| जो कि अब के स्थानीय लोगों द्वारा पूरे हो चुके हैं।  राजनौण गाँव में विशाल नौण का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था, जिससे अब आईपीएच विभाग द्वारा विभिन्न गांवों के लिए पेयजल मुहैया करवाया जाता है। इतना ही नहीं राजनौण में पांडवों ने विशाल टियाले का निर्माण किया था, जो की आज भी मौजूद है। हैरानी की बात है कि मंदिर में आज भी आपको पौराणिक काल से जुड़े पत्थर की शिलाएं देखने को मिल जाएंगी।

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