Ramlala consecrtion process start: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आज यानी कि मंगलवार से आरंभ हो जाएगा। रामलला की प्रतिमा को 18 जनवरी यानी कि गुरूवार के दिन निर्धारित आसन पर स्थापित कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि पिछले 70 वर्षों से पूजे जा रहे प्रतमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा। मंदिर ट्रस्ट महासचिव चंपर राय जी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी विधियों को तय समय से पूरा किया जाना है। 22 जनवरी को कुछ विधियों की ही जरूरत होगी। उक्त दिन प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में 12 बजकर 20 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान पूरा किया जाना है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे सभी अतिथियों को 10 बजकर 30 मिनट तक रामजन्म भूमि परिसर में प्रवेश कर लेना होगा। महोत्सव के दौरान रामलला के स्वागत में 25 वाध यंत्रों को बजाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का यह मुहूर्त काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर शास्त्री जी ने तय किया है। मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता है।
रामजन्म भूमि के गर्भगृह में मैसूर और देश के विख्यात शिल्पकार अरूण योगीराज जी की द्वारा बनाई गई प्रतिमा को स्थापित करने के लिए चुना गया है। आपको बता दें कि इस प्रतिमा को श्याम शिला से निर्मित किया गया है। प्राण प्रितष्ठा में कुल 12 अधिवास होने हैं। जिनमें 16 जनवरी को प्रायश्चित तथा कर्मकुटी पूजन, 17 जनवरी को प्रतिमा का परिसर प्रवेश, 18 जनवरी को तीर्थ पूजन एवं जलयात्रा, 19 जनवरी को केसराधिवास आदि, 20 जनवरी को शर्कराधिवास आदि, और 21 को मध्याधिवास आदि होना है।
रामलला का स्वागत दुर्लभ वाधयंत्रो के मंगल वादन से किया जाना है। 20 और 21 जनवरी को श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन नहीं होंगे। 23 जनवरी से रामलला के बालस्वरूप विग्रह के दर्शन आमलोग कर सकेंगे। रामलला के इस विश्वविख्यात कार्यक्रम में देश और दुनियाभर से लोग शामिल होने आ रहे हैं। नगर की सुरक्षा को देखते हुए, प्रशासन ने भी अपनी ओर से कमर कस रखा है। इस बाबत पुलिस और अर्धसैनिक बल की कई टुकड़ियों को लगाया गया है।
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