Home Home-Banner चीरु की खाल से बनती है ये 15 लाख की शॉल

चीरु की खाल से बनती है ये 15 लाख की शॉल

3809

Chiru Skin Shawl: शॉल का उपयोग आप सर्दियों में जरूर करते हैं और हमेशा शॉल खरीदते हुए आप उसकी सुंदरता पर फ़िदा भी हो जाते हैं| वैसे तो कई प्रकार की शॉल अलग-अलग रेट पर आपको मार्केट में मिल जाएंगी लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे ज्यादा महंगी शॉल कौन सी है, जिसको खरीदने के लिए आपके लाखों रुपए ख़र्च हो जाएंगे पर आपको बता दें कि यह शॉल भारत में बैन है|  इस शॉल के बनने के पीछे की सच्चाई सुनकर आप हैरान हो जाएंगे , जी हां हम बात कर रहे है  दुनिया भर में सबसे महंगी शहतूश शॉल की जिसकी कीमत लगभग 15 लाख है| शहतूश शॉल का ऊन सबसे उत्तम क्वालिटी का माना जाता है| कहा जाता है कि यह शॉल सबसे गरम होती है|

इस शॉल के फाइबर की मोटाई लगभग 10 माइक्रोन होती है। आपको बता दें कि यह शॉल चीरू से बनती है| चीरू एक दुर्लभ जानवर है, जो तिब्बत की पहाड़ियों में पाया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शहतूश शॉल को बनाने के लिए चार से पांच चीरू के बालों का इस्तमाल होता है| जिस वजह से इसका रेट इतना महंगा है|

भारत में क्यू मनाही है इस शॉल की ?

रिपोर्ट्स के अनुसार एक शहतूश शॉल को बनाने के लिए 4 से 5 चीरू की मौत होती थी| इसलिए हर साल कई चीरू की मौत सिर्फ़ शॉल बनाने के कारण होती थी, जो लुप्त होते जा रहे थे| जिस कारण से साल 1975 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने शहतूश शॉल को बैन कर दिया था, लेकिन भारत के कश्मीर में लोग इस शॉल के बैन होने के बाद भी इसे बेचते थे। फिर साल 2000 में इसे पूरी तरह से भारत में भी बैन कर दिया गया। अगर इसकी कीमत की बात करें, तो यह लगभग 5000 डॉलर से 20000 हज़ार डॉलर तक बिकती है| यानी कि इसको खरीदने के लिए आपके 10 से 15 लाख रुपए खर्च हो सकते है|

और पढ़ें-

एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनने वाला शहर, आइए जानते हैं क्यों और कैसे ?

हिंदू कैलेंडर के अधिकमास के पीछे का क्या है वैज्ञानिक कारण, तीन सालों के बाद ही क्यूं आता है?

भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में क्या है खास ? जानें विस्तार से

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here