Home न्यूज़ ढाबा देश भक्ति फिल्मों के सरताज हैं ‘भारत कुमार’

देश भक्ति फिल्मों के सरताज हैं ‘भारत कुमार’

5097

जब भी भारतीय सिनेमा में देश प्रेम की बात होती है, तो प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता, और निर्देशक मनोज कुमार को जरूर याद किया जाता हैं. अपने देश के लिए मर – मिटने की भावनाओं को फिल्मों में मूर्त रूप प्रदान करने के लिए मनोज कुमार को हमेशा याद किया जाएगा. इन्हें लोग भारत कुमार के नाम से भी पुकारते थे.

मनोज कुमार ने फिल्मों के जरिये देश-भक्ति को एक नया आयाम दिया और देश कों राष्ट्रप्रेम का नया पाठ पढ़ाया. देश के लिए मर मिटने की भावनाओं का इतना बेहतरीन प्रस्तुति मनोज कुमार की ही फिल्मों में ही दिखाई दिया. साठ के दशक में इनकी जो भी फिल्में आईं, वह देशभक्ति से भरी हुई थी. इसकी शुरुआत भगत सिंह पर बनी फिल्म शहीद से हुई. इस फिल्म नें देश के इस अमर सपूत के जीवन को जीवंत कर दिया. यह वही फिल्म थी, जिसने इस महान अभिनेता को सच्चे देशभक्त की छवि प्रदान की.

साल 1967 में बनी फिल्म उपकार देशभक्ति पर बनी सभी फिल्मों में सबसे सफल फिल्म मानी जाती हैं, जिसका सबसे चर्चित गाना मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती… आज भी लोगों के जुबान पर है. आज भी जब देशभक्ति की बात की जाती है, तो इस गाने को जरुर लोग याद कर लेते हैं. हिंदी सिनेमा के इतिहास में देशभक्ति फिल्मों का किरदार मनोज कुमार ने अमर कर दिया, इसमें रोटी कपड़ा और मकान, शोर, क्रांति, पूरब-पश्चिम आदि देश की जनता को एकता के डोर में बांधने के लिए आज भी मील का पत्थर साबित हो रही हैं. ये वही फिल्में हैं जिसने मनोज कुमार को सभी के दिल में ‘भारत कुमार’ के रूप में हर दिल अजीज बना दिया.

एक सच्चे देशप्रेमी होंने के नाते मनोज कुमार, भारत कुमार के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध हो गए, जबकि इनका वास्तविक नाम हरि किशन गिरि है. इनका जन्म 24 जुलाई 1937 को अबोटाबाद पाकिस्तान में हुआ था. इसके पश्चात ये दिल्ली में आकर बस गए. व्यतिगत रूप से मनोज कुमार शहीद भगत सिंह के जीवन से अत्यधिक प्रभावित थे और यही उनके आदर्श भी थे. इन्हीं पर बनी फिल्म ने उन्हें सच्चे देश भक्त की छवि पूरे जीवन प्रदान की. इनका शानदार अभिनय देख कर उस समय के तात्कालिक प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने उन्हें अपने नारे जय जवान जय किसान पर एक फिल्म बनाने की प्रेरणा दी. जिसे भारत कुमार ने परदे पर उपकार फिल्म के रूप में जीवित किया. यही वह फिल्म है, जिसने मनोज कुमार को फिल्म-फेयर का सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिलवाया.

मनोज कुमार की सारी फिल्में भारतीय सभ्यता और संस्कृति का सुंदर प्रस्तुतिकरण करती हैं. इनकी फिल्मों को सभी वर्गों ने सराहा और उनके फिल्म द्वारा दिए गये सन्देशों से प्रभावित भी हुए. अपने 50 सालों के फिल्मी सफर में भारत कुमार ने अपने फिल्मों के माध्यम से भारतीयता की खोज की, ये देशभक्ति ही नहीं तो क्या हैं जो ये फिल्मों से मुनाफे से ज्यादा नाम कमाया. यही कारण है कि आज भी जब भी देश-भक्ति की बात की जाती है, तो भारत कुमार के नाम से अमर हो गए प्रसिद्ध अभिनेता मनोज कुमार जी का नाम ही सबसे पहले आता है.

Desh bhakti filmo ke sartaj hai bharat kumar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here