टीम हिन्दी
प्रकृति ने हमें कई उपहार दिए हैं. उन्ही उपहारों में से एक है – केला. केला के पौधा से हमें फल मिलता है, जो काफी स्वास्थ्यवर्धक है. इसके अलावा केला का पत्ता एक ओर पूजा-पाठ में काम होता है, तो दूसरी ओर इस पर भोजन करना बेहद लाभदायक होता है. केले के पत्ते पर भोजन करना हजारों सालों से एक परंपरा चली आ रही है, लेकिन इसके लाभ आज भी प्रासंगिक है. केले के पत्त्ते पर खाना खाना स्वास्थ्यप्रद माना जाता है. आखिर कैसे ? आइए हम आपको बताते हैं.
उत्तर भारत के कई राज्यों में और दक्षिण भारत में आपने अक्सर देखा होगा कि वहां के लोग केले के पत्तों पर खाना खाया करते है. यहां पर मेहमानों को पत्तियों के ऊपरी भाग में और परिवार के सदस्यों को निचले हिस्सों में खाना दिया जाता है. केले के पत्ते पर खाना खाने के लिए सब लोग एक साथ जमीन पर बैठकर और हाथों से खाना खाते है. चावल, सब्जियां, दाल, करी और अचार, सब एक ही पत्ते पर परोसे जाते है, क्योंकि यह सभी आहार को परोसने के लिए काफी बड़ा होता है. कई अनुसंधानों से यह सिद्ध हो गया है कि केले के पत्ते पर गर्म खाना परोसने से यह पत्ते में मौजूद पोषक तत्व भी खाने में मिल जाते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
ऐसा माना जाता है कि केले के पत्ते पर खाया गया खाना ज्यादा लाभदायक और स्वास्थ्यवर्धक होता है. केले के पत्ते में ऐसे कई सारे गुण होते है जो ग्रीन टी में पाए जाते है. इसमे मौजूद पॉलीफिनॉल एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और इसके फायदे सीधे आपके स्वास्थ्य पर होते हैं. केले के पत्ते पर रोजाना खाना खाने से आप बीमारी मुक्त तो होते ही साथ ही स्वस्थ भी रहते है. केले का पत्ता एंटी बैक्टीरिया किटाणुओं को मारता है. जिस वजह से आप कम बीमार होते है. केले के पत्ते पर खाना खाने पर आपकी स्किन भी साफ होती है क्योंकि केले के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एपिगालोकेटचीन गलेट और इजीसीजी जैसे पॉलीफिनॉल्स पाये जाते हैं और शायद यही वजह है कि साऊथ इंडिया के लोग इस पर भोजन करना सही समझते है.
इतना ही नहीं, केले के पत्ते के एक अलग ही खुशबू होती है. जब आप केले के पत्ते पर खाना खाते हैं, तब आपको अलग तरह का स्वाद मिलता है और इसकी खुशबू भी अलग ही होती है. वहीं, पर्यावरण के लिए भी है यह सही है. इसके अलावा केला का पत्ता काफी स्वच्छ होता है और सिर्फ थोड़े से पानी की से साफ करने के बाद यह उपयोग के लिए तैयार हो जाता है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस में बर्तनों के तरह इस में कोई केमिकल नही होता है और ना ही आपको इसे धोने के लिए कोई साबुन की जरूरत पड़ती है. हालांकि, धीरे-धीरे केला के पत्ते पर खाना खाने की प्रथा समाप्त होती जा रही है, लेकिन दक्षिण भारत के राज्यों में इसका चलन आज भी आपको देखने को मिल जाएगा.
इसके अलावा केला के पत्ता को अलग-अलग तरीके से उपयोग करने से आपको कई बीमारियों को दूर भगाने में भी सहायता मिलती है. अगर गले में किसी भी तरह का दर्द है तो आपके लिए केले का पत्ता बेहतर विकल्प है. दरअसल गले में खराश और श्वसन से जुड़ी बीमारियां होती है. ये बीमारियां वायरस से जुड़ी होती है. आप केले के सूखे पत्तों को पानी में उबाल लें और इसका सेवन करें जिससे लाभ होगा. पेचिश की बीमारी आंत की सूजन के कारण होती है. केले के पत्ते पेचिश का इलाज करने के लिए उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक तत्वों में से एक है. दरअसल, पत्तों में एक ऐसा पदार्थ होता है जिसके सहारे आंत की सूजन को कम किया जा सकता है. इसका काढ़ा पेट दर्द को भी कम करता है.
Kela ka patta jo rakhe aapko hara bhara