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छोटे मन से आज़ादी

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छोटे मन से आज़ादी

महज़ ‘झण्डे’ लहराने से क्या हासिल..
दिलों की नफ़रतें हिल सकें
तो शायद कुछ हो हासिल
महज़ ‘जय हिन्द’ कहने से क्या हासिल..
अंदर की कमज़ोरियों पर विजय हो
तो शायद कुछ हो हासिल
महज़ ‘वन्दे मातरम’ कहने से क्या हासिल..
हर मात्र को, हर देश को, सम्मान दे सकें
तो शायद कुछ हो हासिल
‘हम सब भारतीय हैं’ महज़ बोलने से क्या हासिल..
हम सब पहले इन्सान बन पाएँ
तो शायद कुछ हो हासिल
महज़ ‘हम आज़ाद हैं’ कहने से क्या हासिल..
अपने छोटे मन से आज़ाद हो पाएँ
तो शायद कुछ हो हासिल

आशू  खुराना,
बैंकाॅक

Chote mann se azadi

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