वसुधैव कुटुम्बकम को आत्मसात करते हुए हमने सभी आयु वर्ग को ध्यान में रखकर एक खाका तैयार किया हुआ है. आइए, हमसे जुड़िए. द हिन्दी के साथ आइए… द हिन्दी के माध्यम से भारत की सभ्यता, संस्कृति, साहित्य और समाज को समझें. सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनाओं के साथ द हिन्दी आपके लिए कई मंच उपलब्ध कराएगा.
आपका भी दिल धड़कता है हिन्दी में लिखने के लिए, तो हमें लिख भेजिए. हां, आपकी रचना में भारतीयता का स्वर हो.
द हिन्दी यानी भारतीयता का स्वर. अनेकता में एकता का रंग. आप संचार के तमाम माध्यमों का उपयोग करके कविता, कहानी, आलेख, संस्मरण आदि लिखकर, वीडियो बनाकर, फोटो खींचकर हम तक पहुंचा सकते हैं.
आप साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन करने की सोच रहे हैं, तो द हिन्दी आपका साथ देने को तैयार है.
आपने कोई सामाजिक-सांस्कृतिक आयोजन कर लिया है, तो उसकी जानकारी हमारे संग साझा करें. हम उसका द हिन्दी के माध्यम से प्रचार-प्रसार करेंगे.
आने वाले समय में द हिन्दी साहित्यिक और सांस्कृतिक लोगों के लिए चौपाल, संगोष्ठी का आयोजन करेगा, जहां लोग एक-दूसरे से अपनी बातें साझा कर सकेंगे.
आपके बच्चे चाहे किसी भी माध्यम से विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हों, लेकिन उन्हें घर में हिन्दी सिखाएं. इसके लिए द द हिन्दीएक आंदोलन की शुरुआत करेगा.
हम सब भारतीय हैं. वर्तमान में आप कहीं भी निवास कर रहे हैं. आइए, एक कदम अपनी हिन्दी के लिए आगे बढ़ाए, हिंदी में हस्ताक्षर करें.
द हिन्दी ने हिंदी में हस्ताक्षर करने की आंदोलन चलाई है. हमारे आंदोलन को अपना आंदोलन बनाएं और द हिन्दी से जुड़ें.
Aaiye jude the hindi se