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शोध में है कुछ खास-हरी पत्तियों के अर्क से कैंसर का खतरा होगा कम

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GREEN CHEMISTRY: अमरूद और चाय की हरी पत्तियों के अर्क की मदद से कैंसर के खतरे को कम करने का एक फॉर्म्यूला इज़ाद हुआ है। जी हां डॉ भीमराव अम्बेडकर विश्वविधालय के रसायन विभाग के छात्रों ने ग्रीन केमिस्ट्री का इस्मतेमाल कर नैनो कणों की मदद से इनके इलाज में सफलता पाई है। आपको पता हो कि संश्लेषित नैनो कणों में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गतिविधियां पाई जाती है। और ये संश्लेषित नैनो कण क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने के साथ साथ स्वस्थ कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं। जिस कारण शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।

प्राप्त सूचना के अनुसार रसायन विभाग के प्रमुख प्रो. देवेंद्र कुमार के निर्देशन में नीलम और आकांक्षा तिवारी इस शोध कार्य में अपनी भागीदारी दे रही हैं। प्रो. कुमार की माने तो इस संश्लेषित नैनो कणों की जांच अलग-अलग तकनीकों के द्वारा की गई है। जांच में पाया गया कि किसी भी उत्पाद में बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन के सूक्ष्म जीवों को खत्म करने में यह सक्षम है। आपको बता दें कि यह नैनो कण अमरूद और चाय की हरी पत्तियों के अर्क से तैयार किए गए है।

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शोधार्थियों की राय है कि इस तरह के नैनो कण जल प्रदूषण को दूर करने में भी कारगर सिद्ध हो सकते है। यह जल में घुली हुई प्रदूषण की सांद्रता को कम कर एक प्रभावी असर छोड़ सकता है। इन कणों की मदद से आने वाले भविष्य में इस तरह के नई तकनीकों के उपकरण बनाए जा सकते हैं। इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि ग्रीन केमिस्ट्री के क्षेत्र में इस तरह के नए और सफल प्रयोगों की मदद से जीवन और प्रकृति के बीच बेहतर तालमेल बिठाया जा सकता है। ग्रीन केमिस्ट्री में पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए जीवन के बेहतर तजुरबे किए जा सकते हैं।

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