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पूरी तरह से स्वदेशी कंपनी है महिन्द्रा

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टीम हिन्दी

महिंद्रा समूह भारत के सबसे प्रतिष्ठित 10 शीर्ष औद्योगिक घरानों में से एक है. इस प्रसिद्ध समूह को लुधियाना (पंजाब) में आनंद महिंद्रा के दादा बंधुओं जगदीशचंद्र व कैलाशचंद्र महिंद्रा (के.सी. महिंद्रा) द्वारा स्थापित किया गया था. आनंद महिंद्रा, महिंद्रा समूह की प्रमुख कंपनी ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड’ के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. आनन्द महिंद्रा के कार्यकुशलता के परिणाम स्वरुप भारत सहित विश्व के अनेक देशों में महिंद्रा ट्रैक्टर, बोलेरो, एक्सयूवी500 और महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसे वाहन ‘महिंद्रा उद्योग समूह’ की पहचान बन गए हैं. वित्तीय सेवाओं, पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट, ट्रेड एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में भी समूह की महत्वपूर्ण भागेदारी है, जो दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

सन 1945 में, मूलत: कंपनी की स्थापना महिन्द्रा एंड मोहम्मद के रूप में हुई थी। भारत के विभाजन के बाद, गुलाम मोहम्मद पकिस्तान चले गये और राष्ट्र के पहले वित्त मंत्री बने इसलिए सन 1948 में कंपनी का नाम ‘महिन्द्रा एंड मोहम्मद’ से बदलकर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कर दिया गया।

ग्रामीण भारत तक टेक्नोलॉजी की प्रगति को पहुंचाने का मुख्य ध्येय कायम रखते हुए कंपनी ने अपने को एक ऐसे ग्रुप के रूप में ढ़ाला है जो कि विभिन्न व्यवसाय क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति के साथ भारतीय और विदेशी बाजारों की मांग को पूरा करती है : ऑटोमोटिव, फार्म उपकरण, वित्तीय सेवाएं, सिस्टेक, आफ्टर मार्केट, सूचना टेक्नोलॉजी स्पेशियलिटी बिजनेस, अधोसंरचना विकास, ट्रेड, रीटेल तथा लौजिस्टिक्स. चेयरमैन केशब महिन्द्रा तथा प्रबन्ध निदेशक आनन्द महिन्द्रा के नेतृत्व में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा ने हर दृष्टि से प्रगति करते हुए ऐसे ग्रुप का रूप लिया है जो अपने कामकाज के हर-एक क्षेत्र में प्रमुख स्थान पर है. अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी तथा किफायती उपलब्धता ने कंपनी को प्रत्येक गुजरते वर्ष के साथ और अधिक मज़बूत बनाया है.

62 वर्षों से अधिक के निर्माण अनुभव के साथ, महिन्द्रा समूह का टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मार्केटिंग तथा वितरण में मजबूत आधार है जो कि एक ग्राहक-केन्द्रित संगठन के रूप में इसके विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है. इस समूह में 75,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं तथा इनकी अत्याधुनिक सुविधाएं भारत व विदेशों में स्थित हैं.

आनंद महिंद्रा का जन्म 1 मई, 1955 को मुंबई, महाराष्ट्र में एक प्रसिद्ध एवं संम्पन्न व्यवसायी परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम हरीश महिंद्रा और मां का नाम इंदिरा महिंद्रा था. वर्ष 1977 में इन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड कॉलेज (कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स) के ‘डिपार्टमेंट ऑफ विज्युल एंड एनवायरॉनमेंटल स्टडीज’, से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की. वर्ष 1981 में इन्होंने ‘हार्वर्ड बिजनेस स्कूल’ (एचबीएस), बोस्टन, मैसाचुसेट्स से ‘बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ में स्नातकोत्तर (एमबीए) की शिक्षा प्राप्त की. आगे चलकर इनका विवाह अनुराधा महिंद्रा से हुई, जिनसे इनकी दो बेटियां हैं. पत्नी अनुराधा प्रसिद्ध पत्रिका ‘वर्व’ और ‘मेंस वर्ल्ड’ की संपादक तथा ‘रोलिंग स्टोन इंडिया’ की एडिटर-इन-चीफ हैं.

एमबीए की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वर्ष 1981 में आनंद महिंद्रा भारत लौट आए और इन्होंने यहां ‘महिन्द्रा यूजाइन स्टील कंपनी’ (MUSCO) में वित्त निदेशक के कार्यकारी सहायक के रूप में अपना पहला कार्यभार ग्रहण किया. वर्ष 1989 में जब महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह का विस्तार हुआ तो ये ‘रियल स्टेट डेवलपमेंट और हॉस्पिटैलिटी’ से सम्बंधित इकाई के अध्यक्ष बने. वर्ष 1991 में इन्हें ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह’ के उप-प्रबंध निदेशक का कार्यभार सौंपा गया था. इन्होंने वर्ष 1997 में कंपनी में प्रबंध निदेशक के रूप में जिम्मेदारी ली तथा इसके बाद वर्ष 2003 में ये कंपनी के वाइस चेयरमैन बनाए गये. इसके अतिरिक्त ये ‘कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड’ के सह-प्रमोटर बने और वर्ष 2003 में इन्होंने इसे बैंक के रूप में तब्दील कर दिया. वर्तमान में कोटक महिंद्रा बैंक भारत के अग्रणी निजी क्षेत्र के बैंकों में भी अपना विस्वसनीय स्थान बनाए हुए है. यह सब कुछ आनंद के कुशल प्रबंधन और नेतृत्व में ही किया गया था. परिणामत: महिंद्रा समूह ने सफलतापूर्वक वैश्विक उद्देश्यों और सफलताओं को प्राप्त करने के लिए कुछ निर्धारित मानकों को स्थापना की है. वर्ष 2002 में महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह ने स्वदेशी तकनिकी पर विकसित कार (एसयूवी) के नए मॉडल को ‘स्कार्पियो’ नाम से लांच किया. जिसने कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाई है. इस प्रकार कंपनी अधिग्रहण और ग्रीनफील्ड दोनों व्यवसायों के माध्यम से बहुत विकसित हुई. महिंद्रा ने ‘सत्यम् कंप्यूटर सर्विसेज’ को वर्ष 2009 में तथा वर्ष 2010 में ‘रेवा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स’ और ‘स्संग्योंग मोटर कंपनी’ को भी अधिगृहीत किया.

इन्होंने कंपनी को एक नए और अलग क्षेत्र में पहचान दिलाने के लिए ‘महिंद्रा सिस्टम एंड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की जो अब नए मॉड्यूल्स और बेहतर इंजीनियरिंग सेवाएं कंपनी के लिए उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा कंपनी ने ब्रिटेन और चीन में औद्योगिक संस्थानों के अधिग्रहण की रणनीतिक पर भी काम किया है. इन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में तीन असेम्बलिंग संयंत्रों की स्थापना की है और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों जैसे-रेनो, निसान और इंटरनेशनल ट्रक एंड इंजन कारपोरेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया है.

Mahindra swadesi company hai

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