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हिन्दी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगे

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भारत एक ऐसा देश जो अपने आप में कई आश्चर्य लिए हुए है। इस देश की कला, संस्कृति, रहन-सहन, इतिहास सबकुछ बहुत ही निराला है। जहाँ इसका इतिहास रोचक है वहीं यहाँ की भाषा भी आश्चर्यों से लबरेज़ और दिलचस्प है-
आज हिंदी प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व का विषय है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसमें प्रेम और सद्भावना का मिलन है। ऐसा मिलन किसी अन्य भाषा में देखने को नहीं मिलता।


भारत में आज के समय में बोली जाने वाली हिंदी को ‘आधुनिक हिंदी या मानक हिंदी’ कहा जाता है। माना जाता है कि हिंदी को भारत में आर्य और पारसी लाए थे। हिंदी के अधिकतम शब्द संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा से लिए गए हैं। हिंदी में अवधी, ब्रज आदि स्थानीय भाषाओं का भी मिश्रण है। यही वजह है कि हिंदी को ‘संबंध भाषा’ के रूप में भी जाना जाता है। हिंदी पर रिसर्च करने वाले ललित सारस्वत बताते हैं कि हिंदी की पहली कविता भारत के प्रसिद्ध कवि ‘अमीर खुसरो’ ने लिखी थी।

  • हिंदी का इतिहास लगभग एक हज़ार साल पुराना है। इसका नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से पड़ा, जिसका अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’।
  • आज के वक्त में हिंदी की पांच उपभाषाएं और कम से कम सोलह बोलियां प्रचलित हैं।
  • हिंदी की तरह ‘देवों की वाणी’ संस्कृत भी देवनागरी लिपि में बांये से दायें लिखी जाती है।
  • ध्वनि के रूप में देखें तो हिंदी में प्रत्येक वर्ण का अपना एक अलग स्वर है, इसमें शब्दों को वैसे ही बोलते है जैसे लिखते हैं। इसलिए ये सीखने की दृष्टि से काफ़ी सरल भी है।
  • बनावट के रूप में देखें तो हिंदी का कोई भी वर्ण कभी भ्रम में नहीं रखता, चाहे वो उल्टा लिखा हो या उसकी दर्पण छवि हो।
  • अंग्रेजी की रोमन लिपि में जहां कुल 26 वर्ण हैं, वहीं हिंदी की देवनागरी लिपि में उससे दुगुने 52 वर्ण हैं।
  • हिंदी भाषा के बहुत से शब्द अंग्रेज़ी शब्दकोश में भी शामिल किए गए है। जैसे- अवतार, योग, गुरू, कर्म आदि।
  • हिंदी भाषा के इतिहास पर पहले साहित्य की रचना एक भारतीय ने नहीं बल्कि फ्रांसीसी लेखक ‘ग्रासिन द तैसी’ ने की थी, हिंदी और दूसरी भाषाओं पर पहला विस्तृत सर्वेक्षण अंग्रेज सर ‘जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन’ ने किया था, हिंदी भाषा पर पहला शोध कार्य लंदन विश्वविद्यालय में पहली बार एक अंग्रेज विद्वान ‘जेआर कारपेंटर’ ने प्रस्तुत किया था
  • हिंदी भाषा में पहली पुस्तक ‘प्रेम सागर’ 1805 में प्रकाशित हुई, जिसे ‘लल्लू लाल’ ने लिखा था।
  • वर्ष 2000 में हिंदी का पहला वेबपोर्टल अस्तित्व में आया। तभी से इंटरनेट पे हिंदी ने अपनी छाप छोड़नी प्रारम्भ कर दी। हिंदी भारत की उन सात भाषाओं में से एक है जिसका इस्तेमाल वेब एड्रेस बनाने के लिए किया जाता है।
  • हिंदी भारत की आधिकारिक भाषा है। हिंदी केवल भारत ही नहीं बल्कि मॉरीशस, नेपाल, टोबेगो, फीजी आदि देशों में भी बड़ी संख्या में बोली जाती है। लेकिन हिंदी अपनाने के मामले में बिहार ने पूरे भारत को पीछे छोड़ दिया, अपनी आधिकारिक भाषा उर्दू की जगह हिंदी को स्वीकार कर बिहार भारत का पहला राज्य बन गया
  • भारत के बाहर के देशों में हर दिन लगभग 25 हिंदी पत्रिकाएँ और समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं।हिंदी के बारे में दिलचस्प तथ्य यह है कि यह दुनिया के 176 विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है, जिनमें से 45 अकेले अमेरिका में हैं।1977 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल विहारी वाजपेयी ने पहली बार संयुक्‍त राष्‍ट्र की आम सभा को हिंदी में संबोधित किया, स्वामी विवेकानंद ने भी शिकागो में अपना वक्तव्य हिंदी में दिया था तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी US यात्रा के दौरान फेसबुक द्वारा आयोजित एक आयोजन में हिन्दी में ही संवाद किया था।
    महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस कहते थे कि- “हिंदी देश के विशाल क्षेत्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है।”
    और हिंदी से जुड़े ये रोचक क़िस्से बताते हैं कि हिंदी किसी एक देश को नहीं बल्कि पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है।Hindi se jude kuch aashcharya janak tathya

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