Lotus Silk: भारतीय कपड़ो की डिमांड ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों की बाजारों में भी है। दुनियाभर में भारतीय कपड़ों ने एक अलग पहचान बनाई है। चाहे वह खादी हो या सिल्क, भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया ने इनसे बने परिधानों की अहमियत को समझा है। कहा जाता है कि भारत के सबसे अच्छे क्वालिटी का सूती कपड़ा विदेशों में बिकता है| इनमें से एक है “लोटस सिल्क”। जो बहुत मुश्किल से मिलता है| पहले इस कपड़े का निर्माण कम्बोडिया, म्यांमार और वियतनाम में होता था पर अब इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल हो गया है| पूरे विश्व में भारत “लोटस सिल्क” के निर्माण तथा उत्पादन में चौथे नंबर पर आता है। इस रेशम के कपड़े को बनाना आसान नहीं है| दुनिया भर में कुछ ही कारीगर है, जो इस कपड़े को बनाते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि “लोटस सिल्क” से एक स्कार्फ को बनाने में करीब एक से दो महीने का समय लग जाता है|
कैसे बनाया जाता है लोटस सिल्क
आइए आपको बताते हैं कि आखिर इस लोट्स सिल्क का निर्माण कैसा किया जाता है। “लोटस सिल्क” यानी कमल के रेशम के कपड़े को बनाने के लिए पहले कमल के फूलों के तनों को हाथों से तोड़कर पतले और चिपचिपे रेशों को सिल्क के धागों में बदला जाता है। फिर इसे सुखाया जाता है| अंत में हाथों से धागों को कपड़ों में बुना जाता है| लोटस सिल्क से जुड़ी सबसे अद्भुत बात यह है इन धागों को तना कटने के बाद यानी कि 24 घंटे के अंदर बनाना होता है| इसलिए हर रोज तना काटकर सिल्क के धागों को बनाया जाता है|
दुनिया के सबसे महंगे कपड़ों में है शामिल
“लोटस सिल्क” को दुनिया के सबसे महंगे कपड़ों में गिना जाता है । यह पूरी तरह से हाथों की सहायता से बना उत्पाद है। हाथों की बुनाई और फिर इसका रखरखाब इसे इतना महंगा बनाता है। इसके एक स्कार्फ की कीमत करीब 17, 000 रुपए बताई जाती है।
कहां हुई थी लोटस सिल्क की शुरूआत
आपको बता दें कि “लोटस सिल्क” की शुरुआत सबसे पहले म्यांमार में हुई थी। कहा जाता है कि म्यांमार के “शान” राज्य में इन्ले झील में कमल के फूल द्वारा इस सिल्क का जन्म हुआ था। पहली बार सिल्क की बुनाई 1900 में क्याइंगखान गांव में हुई थी| भारत में सिल्क का निर्माण मणिपुर में हुआ था| भारत में इस लोट्स सिल्क के साथ एक खास नाम जुड़ता है और वह है विजयशांति। विजयशांति का जुड़ाव भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर से रहा है। इन्हें लोट्स सिल्क के बारे में अपने पिता के दोस्त से पता चला था| जिसके बाद विजयशांति ने 2018 में “लोटस सिल्क” को बनाना शुरू किया| जिसके बाद विजयशांति को प्रधानमंत्री द्वारा नार्थ इंडिया का चेंजमेकर अवार्ड भी दिया गया।