टीम हिन्दी
यदि हम आपसे कहें कि पाकिस्तान में भी ऐसा जगह है, जहां के लोग भारत से प्रेम करते हैं, तो आप चौंक जाएंगे। लेकिन सच कुछ इसी के करीब है। पाकिस्तान का एक क्षेत्र है ब्लूचिस्तान, जहां के लोग काफी लोग भारत को अपना मित्र मानते हैं और भारत से सांस्कृतिक रूप से जुड़े हुए हैं.
कई स्थानों पर यह कहा गया है कि सैकड़ों वर्ष पहले बलूचिस्तान से आए कुछ लोग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसे थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही सांस्कृतिक विरासत का जुड़ाव बलूच संस्कृति से है। इसी आधार पर पूरे विश्व में ब्लूचिस्तान मुक्ति के लिए आंदोलन चलाने वाली नायला खान, मजदक दिलशाद खान भी बड़ौत आए और बिलोचपुरा, गोशपुर आदि गांवों का दौरा भी किया था.
बता दें कि भारत पिछले 15,000 वर्षों से अस्तित्व में है। अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, पाकिस्तान और हिन्दुस्तान सभी भारत के हिस्से थे। ‘अखंड भारत’ कहने का अर्थ यही है।बलूचिस्तान आर्यों की प्राचीन धरती आर्यावर्त का एक हिस्सा है। प्राचीन काल में वैदिक युग में पारस (कालांतर में फारस) से लेकर गंगा, सरयू और ब्रह्मपुत्र तक की भूर्मी आर्यों की भूमि थी जिसमें सिंधु घाटी का क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण था। आर्यों के पंचनंद या पंचकुल अर्थात पुरु, यदु, तुर्वस, अनु और द्रुहु के कुल में से किसी एक कुल के हैं। भारत का प्राचीन इतिहास कहता है कि अफगानी, बलूच, पख्तून, पंजाबी, कश्मीरी आदि पश्चिलम भारत के लोग पुरु वंश से संबंध रखते हैं अर्थात वे सभी पौरव हैं।
पुरु वंश में ही आगे चलकर कुरु हुए जिनके वंशज कौरव कहलाए। 7,200 ईसा पूर्व अर्थात आज से 9,200 वर्ष पूर्व ययाति के इन पांचों पुत्रों में से पुरु का धरती के सबसे अधिक हिस्से पर राज था। बलूच भी मानते हैं कि हमारे इतिहास की शुरुआत 9 हजार वर्ष पूर्व हुई थी। बलूचिस्तान में माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हिंगलाज माता का है।
Pakistan me bhi hai bharat prem