नई दिल्ली। ग्राम-युग्म अवधारणा के साथ मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल राजनगर और सौराठ, दोनों ऐतिहासिक सांस्कृतिक महत्व के स्थलों को लेकर आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई है। इस परिकल्पना को धरातल पर उतारते हुए मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2019 का आयोजन सेन्टर फॉर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स नई दिल्ली कर रही है।
आयोजकों ने बताया कि इस बार मधुबनी लिटरचेर फेस्टिवल 24 से 27 दिसंबर, 2019 तक चलेगी। शुरुआत के दो दिन यानी 24 और 25 दिसंबर को राजनगर में और उसके बाद 26 व 27 दिसंबर 2019 को सौराठ में किया जा रहा है। असल में यह फेस्टिवल एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर के सचेतन को समेटने और समृद्ध साहित्य कला के उल्लास का एक उत्सव है इसकी परिकल्पना विरासत स्थानीयता और वैश्विक को एक सूत्र में बांधने का है।
इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उसके समृद्ध संस्कृति से परिचय और विस्थापन को रोकना है। इस फेस्टिवल का विषय क्षेत्र मिथिला के विशिष्ट अतीत और भविष्य का रेखांकन है। इस फेस्टिवल में मैथिली भाषा-साहित्य उद्योग जल संसाधन राजनीति कुटीर उद्योग हस्तकला (सुजनी केथरी लाह जनेऊ सूती कड़ी वस्त्र ) मिथिला चित्रकला(गोदना और तंत्र) भोजन-विन्यास स्थापत्य जीवन-शैली मैथिली रंगमंच फोटोग्राफी आदि विषयों पर पैनल चर्चा-परिचर्चा वार्ता आयोजित होंगे। हर दिन कवि सम्मेलन भी प्रस्तावित है।
Madhubani literature festival