एक नहीं, कई मंत्र हैं। लोकाचार में कई कहावते हैं, जो कहते हैं कि यदि आपको स्वस्थ रहना है, तो संतुलित दिनचर्या अपनाना होगा। दुनिया के किसी भी भाषा को आप खंगाल लें, उसमें यह संदेश मिल ही जाएगा। जो बात आज तक हम अपने बड़ों से सुनते रहे और उसे अनसुना करते रहे, उसका न चाहते हुए भी अपनाया है हाल के दिनों में। कोरोना काल से हम और आप गुजर रहे हैं। इस काल में हम सबने संतुलित जीवन अपनाने की भरसक कोशिश की है।
आप 24 घंटे में जो कुछ भी करते हैं, उस पर आप नज़र रख सकते हैं जिससे आपके लिए यह जानना आसान हो जाता है कि आप किसी विशेष गतिविधि पर कितना समय बिताते हैं। यह आपको एक विशेष कार्यक्रम के अनुसार सब कुछ योजना बनाने में मदद करेगा। हर कोई चाहता है कि वह स्वस्थ रहें, लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कोई भी अपनी सेहत के लिए समय नहीं निकाल पाता है। जिस वजह से जीवन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं और गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ जाता है। लेकिन दिनचर्या में बदलाव लाकर और स्वास्थ्य से जुड़ी छोटी-छोटी अच्छी आदतों को अपनाकर आप स्वस्थ रहने के साथ-साथ अपने जीवन को आसान भी बना सकते हैं।
आयुर्वेद में सुबह उठने से लेकर रात तक व रात्रिकाल के लिए भी स्वस्थ रहने के लिए कुछ नियम या अनुशासन बताए गए हैं। इन्हें दिनचर्या कहा गया है। यह व्यवस्था स्वस्थ रहने और शरीर में वात-पित्त-कफ इन तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए की गई है। शुरू में इन नियमों का पालन करने में कुछ कठिनाई हो सकती है, किन्तु थोड़े दिनों के प्रयास से इसे एक प्राकृतिक जीवन का आसान हिस्सा बनाया जा सकता है।
खान-पान संबंधी आदतों का सेहत पर बेहद ही गहरा असर पड़ता है, इसलिए अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें। अगर आपकी आदत किसी भी समय कुछ भी खा लेने की है, तो अपनी इस आदत को बदलें और अपने खाने का समय निश्चित करें। इसके अलावा सुबह के नाश्ते में संतुलित और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें। साथ ही दोपहर और रात के खाने का समय भी निश्चित करें व पूरे दिन में छोटे-छोटे मिलों का सेवन करते रहें।
शरीर को पोषण प्रदान करने में पानी अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं हाइड्रेट रहने और शरीर के टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए दिनभर में 8-10 गिलास पानी का सेवन बेहद ही जरूरी है। साथ ही नारियल पानी और ताजे फलों के रस का सेवन भी करें। तरल पदार्थों का सेवन करने से शरीर को पर्याप्त नमी मिलती है, जिससे कई स्वस्थ संबंधी समस्याएं शरीर को छू भी नहीं पाती हैं।
स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक सक्रियता बहुत जरूरी है, लेकिन दिनभर काम करने के बाद आप में से बहुत सारे लोगों के पास न तो इसके लिए समय है और न ही व्यायाम करने की इच्छा। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि नियमित सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। सुबह में समय निकालकर थोड़ी देर के लिए सैर करें व रात का खाना खाने के बाद कम से कम 20 मिनट तक तेज टहलें।
आदर्श दिनचर्या अपना कर हम मानसिक, आध्यात्मिक, शारीरिक, भावनात्मिक और सामाजिक तौर तरीके से एक संतुलित जीवन जी कर एक खुशहाल विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
योग और ध्यान को अपने दिनचर्या में जरूर करें शामिल
ध्यान: हर रोज कम से कम दस मिनट के लिए ध्यान जरूर करें, क्योंकि इससे तनाव के स्तर को कम करने के साथ-साथ शरीर में स्थिरता और मानसिक संतुलन बनाएं रखने में मदद मिलती है।
योग: इस प्राचीन आयुर्वेदिक क्रिया के कई लाभ हैं। नियमित रूप से योगाभ्यास करने से रक्त प्रवाह में सुधार, पाचन में सुधार, प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ावा, धीरज बढ़ाने और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से निजात प्राप्त होता है।
Santulit dincharya, swasth jivan ka adhaar