Shami Plant: हम अपने घरों में कई पौधे लगाते है नीम, तुलसी, गिलोय आदि। इनमें से एक है शमी का पौधा, जिसका धार्मिक मान्यताओं के साथ साथ वैज्ञानिक लाभ भी है| शास्त्रों में शमी के पौधे का संबंध शनि देव से बताया गया है| खासतौर पर शमी के पौधे की पूजा शनि देव और शिव जी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है| इस पौधे के नीचे दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है| कहते हैं ऐसा करने से आपको शनि दोष से मुक्ति मिलती है|
आपको बता दें कि आप इस पौधे को गमले या मिट्टी में कहीं भी लगा सकते हैं। इसके लिए आपको सही दिशा का ध्यान रखना होगा। इसे हमेशा ऐसी दिशा में लगाएं कि आप जब भी घर से बाहर निकले तो यह आपके दाहिने हाथ की तरफ हो। इस पौधे को आप घर की छत पर भी रख सकती हैं। शनि के पौधे को घर में सही दिशा में लगाने से सुख समृद्धि और धन धान्य आता है| इस पौधे में नियमित रूप से जल देने से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
शमी के पौधे से जुड़ी पौराणिक कहानी
एक पौराणिक कहानी के अनुसार जब भगवान श्रीराम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे तब उन्होंने इस वृक्ष की पूजा की थी। इतना ही नहीं महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के वक्त अस्त्र-शस्त्र भी इसी वृक्ष पर छुपाए थे। इसलिए इस पौधे को अन्य पौधों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। गौरतलब है कि पौधा सूखना नहीं चाहिए| नहीं तो घर में सुख समृद्धि नहीं बनेगी| |
शमी के वैज्ञानिक लाभ
कई लोग इसके धार्मिक मान्यताओं के बारे में ही जानते है पर आपको पता नहीं होगा कि शमी एक औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जाता है। आप कफ-पित्त विकार, खांसी, बवासीर, दस्त आदि में शमी के पौधे का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ-साथ रक्तपित्त, पेट की गड़बड़ी, सांसों की बीमारियों में भी शमी लाभदायक है। आइए शमी के सभी औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं।
बीमारियों में कैसे उपयोग में आता है शमी का पौधा
पेट के रोग से छुटकारा पाने के लिए अरलू, तिन्दुक, अनार, कुटज तथा शमी की छाल को बराबर मात्रा में लेकर इसका चूरन बनाये| फिर इनका सेवन कांजी, गुनगुने पानी या मधु के साथ करें। इससे पेट के रोग जैसे दस्त आदि ठीक होते हैं। शमी की छाल या पत्तों से बने काढ़े का सेवन करने से भी पेचिश में लाभ मिलता है| अगर आपकी आँखों में जलन, दर्द, लालिमा, पानी बहने जैसी समस्या है तो यह शमी का पौधा आपके लिए बेहद फायदेमंद है| इसके लिए लोहे के बर्तन में गूलर के कच्चे फल को गाय के दूध के साथ घिस लें। फिर इसे घी युक्त शमी के पत्तों की धूम दें। इससे आपकी आँखों की समस्या में राहत मिलेगी|
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