Satellite Based Toll System: देश में परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार रोज नए नए प्रयोग करती रहती है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यातायात में समय के बचाव को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। अब टोल प्लाज पर लगने वाले समय को और कम करते हुए सैटेलाइट बेस्ट सिस्टम लाने जा रही है। इससे पहले टोल प्लाजा पर समय को कम करने के लिए FASTag सिस्टम लाया गया था। लेकिन अब चंद सकेंडों में सैटेलाइट से आपका टोल भुगतान हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने यह दावा किया है कि सैटेलाइट बेस्ड यह सर्विस फास्टैग से भी ज्यादा तेज होगी। हालांकि, इसे कब तक लागू किया जाएगा, इसकी सूचना नहीं दी गई है। आइए जानते हैं कैसे काम करेगा यह सिस्टम।
सैटेलाइट से पैसे कैसे कटेंगे ?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सुगम परिवहन और यातायात में समय की बचत के लिए प्रयोग करते रहते हैं। सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम की मदद से सरकार फिजिकल टोल को हटाना चाहती है। सरकार चाहती है कि इसकी मदद से एक्सप्रेस-वे पर लोगों को एक शानदार और बिना रूकावट के यातायात का आनंद मिल सके। इसके लिए सरकार GNSS बेस्ट टोल सिस्टम का इस्तेमाल करना चाहती है। इससे देश के टोल प्लाजों से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को रिप्लेस किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि यातायात को सुगम बनाने के लिए देश में मौजूद RFID ऑटोमेटिक टोल कलेक्ट करता है। लेकिन जब टोल प्लाजों पर सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम लग जाएगा तो आपका टोल टैक्स वर्चुअली कट जाएगा। होगा यह कि देश में टोल तो मौजूद होंगे लेकिन आपको नजर नहीं आएंगे। अलग अलग जगहों पर वर्चुअल गैन्ट्रीज इंस्टॉल किए जाएंगे, जिससे जीएनएसएस इनेबल गाड़िया कनेक्ट होंगी और टोल टैक्स कट जाएगा। जब कोई भी कार इन वर्चअल टोल से गुजरेगी तो स्वत: ही भुगतान हो जाएगा। सैटेलाइट से ही व्हीक्ल्स ट्रैक होंगे और टोल भी कटेगा। इससे यूजर्स का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहने की बात कही जा रही है।
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