Jabalpur:जबलपुर, मध्य प्रदेश का एक रहस्यमय शहर है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यहां आपको ना सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य बल्कि मां नर्मदा के पतित पावन जलधार और उसके आसपास का सुन्दर दृश्य भी देखने को मिलता है| इतना ही नहीं यहां दुनिया की सबसे पुरानी चट्टानें भी पाई जाती है, जो इसे और भी विस्मय से भर देती हैं।
यह चट्टानें एक के ऊपर एक इस तरह से व्यवस्थित है कि जैसे किसी ने एक चट्टान के ऊपर दूसरी चट्टान रख दी हो| शायद इसलिए इन्हें “बैलेंसिंग रॉक” के नाम से भी बुलाया जाता है। ये चट्टानें हज़ारों सालों से ऐसे ही यथावत बनी हुई हैं| इतना ही नहीं मजे की बात यह है कि इन चट्टानों को आज तक भूकंप भी नहीं हिला पाया है। इन चट्टानों को देखने के लिए पर्यटक देश-विदेश से यहां आते हैं।
क्या है “बैलेंसिंग रॉक” के पीछे का राज
प्राचीन पुरातत्वविदों का कहना है कि ये चट्टानें मैग्मा के जमने से निर्मित हुई है| इसे विज्ञान में “ग्रेनाइट रॉक” के नाम से बुलाया जाता है। यह चट्टानें आपस में किसी और कारण से नहीं बल्कि गुरुत्वाकर्षण बल के कारण जुड़ी हुई हैं| यही कारण है कि यह हजारों सालों से अपने स्थान पर स्थिर बनी हुई हैं।
हैरानी की बात यह है कि जबलपुर में आए 22 मई 1997 के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी| जिसमें कई इमारतें भूकंप के झटकों से जमींदोज हो गई थी| उस दिन लगभग 40 लोगों की मौत भी हुई थी। वहीं, दूसरी तरफ ये चट्टानें टस से मस नहीं हुई| पूरे शहर में एक बैलेंसिंग रॉक ही था, जिस पर भूकंप के झटकों का कोई असर नहीं पड़ा था। प्रकृति और विज्ञान के इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां खिचे चले आते हैं| इन चट्टानों को देखना अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है, जिसे हर कोई अपने जीवन में एक ना एक बार अनुभव अवश्य करना चाहेगा।