Home आंगन रंग मंच

रंग मंच

2881

रंगमंच था सजा

रामलीला मंचन के लिए

आते थे जाते थे कलाकार

थोड़े थोड़े अंतराल के लिए

किरदार अपना निभाने के लिए

पूछा एक बालक ने

थोड़ा सा सकुचाते हुए

दशरथ भी आए दशानन भी आया

पर राम क्यों बार बार है आते

असमंजस में पड़ गया मैं

कैसे उसे समझाऊ मैं

बोला फिर तनिक सोच के मैं

जिसका है चरित्र ऊंचा

उदाहरण है जो सब के लिए

अधिक वहीं रहता है रंगमंच पर

ध्यान यह तुम भी रखना

जीवन भी है रंगमंच तरह

आता जाता हैं इंसान

पर जिसका चरित्र है विशेष

आदर्श है जिसका पूर्ण जीवन

राम की तरह हो जिसका जीवन

छाप वही अपनी है छोड़ जाता

और पढ़े-

हिमाचल के राजनौण गांव का संबंध है महाभारत काल के चक्रव्यूह से, जानें कैसे

भारतीय संस्कृति और इतिहास की झलक मिलती हैं इन प्राचीन गुफाओं में

भारत में कब से उड़ने लगी पतंगे..जानें इसके इतिहास को

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here